लेखक:
मिर्ज़ा शेख़ एतेसामुद्दीन
|
|
विलायत के अजूबेमिर्ज़ा शेख़ एतेसामुद्दीन
मूल्य: $ 10.95 |
View All >>  
1 पुस्तकें हैं|
मिर्ज़ा शेख़ एतेसामुद्दीन (1738-1800) सम्भवत: पहले पढ़े-लिखे भारतीय हैं जिन्होंने यूरोप की यात्रा की थी। मिर्ज़ा बंगाल के नदिया ज़िले के एक गाँव बाजनौर के रहने वाले थे। उनका सम्बन्ध एक पढ़े-लिखे परिवार से था। मिर्ज़ा एतेसामुद्दीन अरबी, बांग्ला, हिन्दुस्तानी और फ़ारसी भाषा के विशेषज्ञ थे। इसके अलावा उन्हें प्रशासन, कूटनीति और क़ानून के क्षेत्र में महारत हासिल थी। मिर्ज़ा ईस्ट इंडिया कम्पनी में मुंशी थे। उन्होंने शहंशाह शाह आलम द्वितीय के दरबार में भी काम किया। शहंशाह ने उन्हें मिर्ज़ा की पदवी से नवाजा था। यह पदवी अंग्रेज़ों के ‘नाइट’ की तरह थी। यूरोप से आने के बाद मिर्ज़ा बहुत मशहूर हो गए और लोग उन्हें ‘विलायत मुंशी’ के नाम से जानने लगे थे। इस बीच वे बिहार, बंगाल और अवध के विभिन्न शहरों में रहे और इस कारण वे कुछ महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं के साक्षी भी थे। उन्होंने फ़ारसी में एक और पुस्तक नसबनामा शीर्षक से लिखी है। |
|
विलायत के अजूबेमिर्ज़ा शेख़ एतेसामुद्दीन
मूल्य: $ 10.95 |
मुख पृष्ठ | खोजें | परिचय | समाचार | संपर्क करें | मेरी पसंद | Terms of Service
Copyright © 2004 Pustak.org. All Rights Reserved.